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9 Apr 2024 · 1 min read

चांदनी रातों में

चांदनी रातों में तुम्हारी याद ऐसे आए।
जैसे तपती धूप में सूरज पर बदली छाए

कितनी बार हम नज़र नीची किए मुस्काए
इक तेरे दरस को पिया ,दिल तड़पा जाए

दीवाना करके हमें ,आप खुद पर इतराए
और हम अदा हुस्न की समझ न पाए।

मीठा सा दर्द इश्क का,हमको है तड़पाए
नैन हमने बहुत बार तेरी चाहत में बरसाए

चांदनी रात में जब याद तुम्हारी मुझे आए
तस्सुवर तेरा मुझे आ हौले-हौले बहलाए

सुरिंदर कौर

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