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17 Jul 2022 · 1 min read

चाँद

मेरा चाँद मुझे लगता है हमेशा,तेरे चाँद से बहुत ही बेहतर है।
जब चाहुँ मैं देख लूँ अपने चाँद को,तेरे चाँद को देखना मुश्किल है।।
मेरा चाँद है हमेशा पहुंच में मेरी,तेरा चाँद मेरी पहुंच से बाहर है।
मेरे चाँद का बस मैं अकेला शायर,तेरे चाँद के सैकड़ों शायर हैं।।
मेरा चाँद मुझे सुनता भी है,और अपनी हर बात मुझसे कहता भी है।।
पर तेरा चाँद मुझे सुनता तो है,पर कुछ भी कभी वो कहता नहीं है।।
दिन निकले मेरा उसे देख कर, उसे देख कर ही मेरी रात ढले।
दिन में चाँद तेरा दिखता नहीं,बस दिखे वो जब हम सोने चलें।।
तूने अपने चाँद को महादेव के,शीश का ताज बना डाला है।
हमने अपने चाँद को अपनी,आंखों का तारा ही देखो बना डाला है।।
तेरा चाँद मेरी मम्मी ने मुझको,बचपन में पानी में दिखलाया था।
फिर मेरा मेरी मम्मी ने मुझको,दस जुलाई को फेरे फेर दिलाया था।।
तेरा चाँद फिर भी हम सभी को,जगत में दिलों जान से भी प्यारा है।
पर मेरा चाँद तो बसता है दिल में,और उस पर हक भी तो सिर्फ हमारा है।।

विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी

Language: Hindi
6 Likes · 446 Views
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