चाँद
आसमान में छाए
घने काले बादल
और तेरी काली ज़ुल्फें
जब दोनों छटे चाँद नज़र आया
एक वहां नज़र आया
एक यहाँ नज़र आया
आरज़ू थी चाँद छू लेने की
ना वो छू पाए
ना ये छू पाए
वो सृष्टि की अमानत थी
ये पड़ोसी की कयामत थी
आरजू चाँद छूने की दिल में लिये बालकनी से ड्राइंग रूम में आ गए
आग का गोला बने अपने चाँद को
निहारने भी लगे और छूने भी लगे