चाँद मेरा नाराज है
तू ही मेरी दिन है, तू ही मेरी रात है,
तू ही मेरी कल है, तू ही मेरी आज है,
तू ही मेरी सुर है, तू ही मेरी साज है,
तू ही मेरी गीत, और तू मेरी आवाज है,
तू मेरी बसन्त ऋतु, तू ही तो बरसात है,
तू ही तो वसन है मेरी, तू ही सर का ताज है,
रूठ गई है मुझको लगता, मेरा जीवन आज है,
लगता है ये मुझको यारो, चाँद मेरा नाराज है ।।
#vinay_k