चाँद में लगा दाग
तुम हद बेहद खूबसूरत
मै बेहद ही बदसूरत प्रिय
तुम चंद्रमा की मूरत हो
मैं चाँद में लगा दाग प्रिय
तुम सुन्दरता की मूरत हो
मैं बदसूरत काला साँड प्रिय
तुम फिल्मी हेमामालिनी हो
मै परेश रावल नाग प्रिय
तुम महलों की रानी हो
मैं रंक सुदामा हूँ प्रिय
दो नैन प्याले शराब तेरे
मैं धरती पर डूली शराब प्रिय
तुम हुश्न क्यारी फूलों की
मैं कांटों भरा ताज प्रिय
कुदरत ने बनाई फुर्सत में
मै सेल में मिला सामान प्रिय
तुम खिला फूल कमल सा
मैं मुरझाया सूरजमुखी प्रिय
तुम हँसती खनकती पांजेब सी
मैं मंदिर में बजता स्पीकर प्रिय
कोयल.सी रसीली तेरी वाणी
मै काग की कर्कश काँ काँ प्रिय
तुम सुबह की अलसाई अंगड़ाई
मै बीती शाम का पहर.प्रिय
तुम खिला गुलिंस्तां फूलों का
मैं पकी फसल खराब प्रिय
तुम अंबर से आई हूर परी
मै कलयुगी पैदा ईंसान प्रिय
सुखविंद्र सिंह मनसीरत