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18 Jul 2020 · 1 min read

चाँद मिल गया

******* चाँद मिल गया ******
*************************

देखा जो तुझे तो चाँद मिल गया
धरती पर मुझे तो चाँद मिल गया

नभ का शशि फीका फीका है लगे
बिना दुआ माँगे तो चाँद मिल गया

शांत,शीत और यौवन जवां जवां
शिष्ट मन भाये तो चाँद मिल गया

भोली भाली सूरत मूरत जैसी
कहर बरसाये तो चाँद मिल गया

खुशी के पर लगे मैं उड़ता फिरूँ
रोम रोम खिले तो चाँद मिल गया

ठोडी पे काला तिल दाग विधु सा
जरा शरमाये तो चाँद मिल गया

गगन पर खूब चमकता तारा सा
मत भरमाये तो चाँद मिल गया

सुखविन्द्र ढ़ूढ़ता दूर दराजों में
पास जो देखे तो चाँद मिल गया
************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

1 Like · 226 Views
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