*चाँद को भी क़बूल है*
चाँद पर हम नहीं जा पाएंगे
ये सोचना, ज़माने की भूल है
है हम में कुछ तो बात, जो इस बार
चाँद ने भी कह दिया, क़बूल है
चांद पर जो हम उतर गए आज
है ये राष्ट्र गौरव और ख़ुशी की बात
धरती पर चाँदनी रात तो देखी है हमने
अब हम देख पायेंगे चाँद की रात
है गौरवान्वित सभी भारतवासी
चाँद पर तिरंगा जो फहराया है हमने
मौक़ा है आज फ़क्र महसूस करने का
दुनिया में अपना लोहा जो मनवाया है हमने
हैं हर्षित हम सभी भारतवासी
आज इतिहास बनाया है हमने
चांद का दरवाज़ा ही नहीं खटखटाया
चाँद पर घर बसाया है हमने
है जीत ये हमारे पुरखों की सोच की
है जीत ये हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत की
है जीत ये हार न मानने के जज़्बे की
है जीत ये विश्व गुरु के अडिग हौसले की।