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27 Nov 2024 · 1 min read

चाँद की शुभ्र ज्योत्सना

चाँद की शुभ्र ज्योत्सना
से सजे दरख्तों के साये में
भी सुकून नही मिलता..
बैठा रहता हूँ चाँदनी के तले
उसके इंतजार को संभाले,
मगर उसका पता नही मिलता…
टहलता रहता है अक्स उसका
मेरे मन मानस के किनारे-किनारे
अफ़सोस….
फ़िर भी मुझसे कभी नही मिलता…

हिमांशु Kulshrestha

1 Like · 15 Views
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