चाँद की तरह चमकों
जितना खूब
सूरत ये चाद है,
उतनी ही खूब
सूरत है जिंदगी।
चाँद में दाग है फिर भी
वो जिए जा रहा है,
इस जिंदगी में भी
हजारो दाग मिलेगे।
उन्हें आँसुओ से
घिस घिस कर
धुलने से कुछ भी
नही होगा हासिल ,
अच्छा तो ये होगा
वो चमकता है
आसमान पर
तुम धरा पर चमको।
कभी किसी ने कहा
तुमसे मिलने के
थोडी देर पहले और
मिलने के जरा देर वाद,
सब चाँद हो गया
अब भी हो ऐसा
तो क्या हो।
होगा जरूर
एक न एक दिन,
बस चाँद की तरह
न छोड़ना चमकना।।
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