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7 Mar 2024 · 1 min read

चाँदनी …..

चाँदनी ,,,,,,,

चमकने लगे हैं
केशों में
चाँदी के तार
शायद
उम्र के सफर का है ये
आखिरी पड़ाव

थोड़ा जलता
थोड़ा बुझता
साँसों का अलाव

क्षितिज पर साँझ की लाली
थक गया
शायद
सफर में
सफर का माली

पर आज भी वो
धुंधले अरमानों की
छोटी सी खिड़की में
वैसी ही दिखती है
जैसी पहले थी
चाहत के
पहले पड़ाव पर चमकती
पूनम के चाँद की
हसीन चाँदनी

सुशील सरना/7-3-24

95 Views
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