चहल पहल
सुबह उठा तो देखा की
चहल पहल चल रही जहाँ मे
एक चिड़िया उड़ रही थी
आसमान की उचाई मे
वही जमीन पर गिलहरी
जो फिर रहा इधर उधर
दिख गया झुंड कुत्तों का
जो उची स्वर मे भौक रहे
स्कूल वाली बसे चल रही
बच्चों को स्कूल पहुँचाने
प्रभात फेरी का शोर आया
जो जप रहे राम नाम
ध्यान गया उन पहाडों पर
जो बादल का स्वागत कर रहे
खेतों की हरियाली गायब थी
क्योंकि गर्मी दिखा रही प्रभाव
थोड़ा रुक कर सोचा मैंने
किस शक्ति के ये है पुतले
उसी को ईश्वर नाम बुलाते।