चल रे चल आशिक उड़
चल रे चल आशिक उड़
मस्त गगन में उड़
चल रे चल
तू बन पतंगा मैं तेरी पतंगी
उड़ इस छोर से उस छोर
प्रेम मिलन के नये द्वार ढ़ूढ़
चल रे चल आशिक उड़
चल रे चल आशिक उड़
मस्त गगन में उड़
चल रे चल
तू बन पतंगा मैं तेरी पतंगी
उड़ इस छोर से उस छोर
प्रेम मिलन के नये द्वार ढ़ूढ़
चल रे चल आशिक उड़