चल रहे – मुक्तक
मेरा लिखना आप का पढ़ना
कर्म दोनों ही कर रहे।
चुन चुन कर उनमें से मोती,
मस्तिष्क पटल में भर रहे।
चल रहे हम चल रहे,
नेक राहो पर चल रहे ।।
— राजेश व्यास अनुनय
मेरा लिखना आप का पढ़ना
कर्म दोनों ही कर रहे।
चुन चुन कर उनमें से मोती,
मस्तिष्क पटल में भर रहे।
चल रहे हम चल रहे,
नेक राहो पर चल रहे ।।
— राजेश व्यास अनुनय