चल मुसाफिर
चल मुसाफिर आगे बढ़ ले
कुछ अपने मन की सुन लें
कोई किनारा तुझको बुलाता
कोई ठिकाना तुझको बुलाता
चल मुसाफिर आगे बढ़ ले
गहरा सागर विशाल अम्बर
आसमां से तू बातें कर लें
अपने जो पीछे छूट गये है
उनको तू याद कर लें
चल मुसाफिर आगे बढ़ ले
रिमझिम करते मेघ डराते
काली घटाएँ ठहर -ठहर जाए
बादल के बीच निकल
सूरज जग को जगमगाएँ
चल मुसाफिर आगें बढ़ ले
सूना -सूना जग सारा
सूना-सूना दिल तेरा
सूना जीवन का संगीत
राग मधुर तू भर लें
चल मुसाफिर आगे बढ़ ले
जाना है तुझको बहुत दूर
कोई नही संगी साथी
हो रही लहरें भी खिलाफ
होसलों का संगीत भर ले
चल मुसाफिर आगे बढ़ लें