चल भगतसिंह चल
चल भगतसिंह चल
चल भगतसिंह चल…
(२)
सर उठाके-सीना तानके
आंख मिलाके चल…
(३)
तुझे बुला-रहा कबसे
आने वाला कल…
(४)
एक तरफ़-महफ़िल है
एक तरफ़-मक़तल…
(५)
इससे पहले-कि शहर
बन जाए-जंगल…
(६)
तुझे देख के-मूर्दों में
होने लगी हलचल…
(७)
मुंह की-कालिख न बने
आंख का-काजल…
(८)
देश पर-मंडरा रहे
खतरों के-बादल…
(९)
मज़दूर और-किसान मांगें
अपनी मेहनत का-फल…
Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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