चल न पाये जो हवा के साथ हम
चल न पाये जो हवा के साथ हम
रह गये अपनी अना के साथ हम
क्या करें हालात ही ऐसे बने
दर्द ले आये दवा के साथ हम
ज़िन्दगी से कर न समझौता सके
कैसे रहते बेवफ़ा के साथ हम
हैं हमारे पास गम कुछ कम नहीं
जी रहे हैं पर अदा के साथ हम
आइना उनको दिखाना ही पड़ा
और करते क्या दगा के साथ हम
दे खुशी या गम हमें वो ‘अर्चना’
दिन शुरू करते दुआ के साथ हम
08-01-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद