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12 Sep 2023 · 1 min read

हर मन को पावन कर जाओ

हर मन को पावन कर जाओ
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कोटि नमन तुम्हैं भीम जी
कोटि नमन रविदास।
पुन:पधारो देश में
तुमसेही लगी है आस।।

जन जन में खायी बढी
नारी का सम्मान गया।
नफरतें सर उठा रही हैं
मानवता का मान गया।

लोकतंत्र पर काले बादल
नित्य नये मंडराते हैं।
संविधान के झर झर आंसू
दिल को बहुत दुखाते हँ।

तन का कपडा ढूढ रहे हैं
भूखे पेट कबाडों में।
रोजगार की बलि चढा दी
निजीकरण की आठों में।

सत्ता में बोली लगती है
एम पी और एम एलों की
प्रशासन में हवा चली है
सत्ता के गलियारों की।

लोकतंत्र के चारों खम्बे
दिशाहीन से ‌लगते हैं
भविष्य अब मेरे देश के
दीध हीन से लगते हैं।

एक बार पुन: आजाओ
भारत को बौद्धमय कर जाओ
सबको सबका हक मिले
हर मन को पावन कर जाओ।।

डॉ गजैसिह कर्दम

Language: Hindi
66 Views
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