चल-चले मिले कहीं
चल-चले मिले कहीं
न तेरा आश्रय न मेरा,
प्रीति-गीत गाए कहीं
चल-चले मिले कहीं।
सच-झूठ की फिकर नही
जिस राहा पर मिला,
मैं अजनबी नही,
चल-चले मिले कहीं।।
तेरे सपने मेरे अपने
यादों के संग चले,
आ फ़िर मिले कहीं,
चल-चले मिले कहीं।।।
ऋषि के.सी.?????