Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2021 · 1 min read

चलो समय के साथ चलें

चलो समय के साथ चलें, आगे आगे सदा बढ़ें
बीत गया सो बीत गया, अब आगे की फ़िक्र करें
जो रीत गया सो रीत गया, हरगिज ना अफसोस करें
जो छूट गया है जीवन में, उसको भरने की फिक्र करें
बीत गया सो भूत हो गया, वर्तमान पर पकड़ रखें
आगे-आगे सदा बढ़ें, चलो समय के साथ चलें
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
5 Likes · 4 Comments · 291 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
रंग मे रंगोली मे गीत मे बोली
रंग मे रंगोली मे गीत मे बोली
Vindhya Prakash Mishra
* चांद के उस पार *
* चांद के उस पार *
surenderpal vaidya
मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।
मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।
Neelam Sharma
गए थे दिल हल्का करने,
गए थे दिल हल्का करने,
ओसमणी साहू 'ओश'
"मुद्रा"
Dr. Kishan tandon kranti
जो विष को पीना जाने
जो विष को पीना जाने
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Where is love?
Where is love?
Otteri Selvakumar
महादेव ने समुद्र मंथन में निकले विष
महादेव ने समुद्र मंथन में निकले विष
Dr.Rashmi Mishra
*लोकतंत्र में होता है,मतदान एक त्यौहार (गीत)*
*लोकतंत्र में होता है,मतदान एक त्यौहार (गीत)*
Ravi Prakash
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
श्याम सिंह बिष्ट
इल्म हुआ जब इश्क का,
इल्म हुआ जब इश्क का,
sushil sarna
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
Phool gufran
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सहजता
सहजता
Sanjay ' शून्य'
समा गये हो तुम रूह में मेरी
समा गये हो तुम रूह में मेरी
Pramila sultan
गवर्नमेंट जॉब में ऐसा क्या होता हैं!
गवर्नमेंट जॉब में ऐसा क्या होता हैं!
शेखर सिंह
डर
डर
Neeraj Agarwal
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
Kanchan Khanna
स्थितिप्रज्ञ चिंतन
स्थितिप्रज्ञ चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
जब लोग आपसे खफा होने
जब लोग आपसे खफा होने
Ranjeet kumar patre
हमने उनकी मुस्कुराहटों की खातिर
हमने उनकी मुस्कुराहटों की खातिर
Harminder Kaur
3120.*पूर्णिका*
3120.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
छुपा सच
छुपा सच
Mahender Singh
रमेशराज की कहमुकरियां
रमेशराज की कहमुकरियां
कवि रमेशराज
आज उन असंख्य
आज उन असंख्य
*Author प्रणय प्रभात*
आराम का हराम होना जरूरी है
आराम का हराम होना जरूरी है
हरवंश हृदय
असर-ए-इश्क़ कुछ यूँ है सनम,
असर-ए-इश्क़ कुछ यूँ है सनम,
Amber Srivastava
****तन्हाई मार गई****
****तन्हाई मार गई****
Kavita Chouhan
खूबसूरती
खूबसूरती
RAKESH RAKESH
Loading...