चलो ये नया साल ऐसे मनायें
चलो ये नया साल ऐसे मनायें
बुजुर्गों के सँग वक्त कुछ हम बितायें
नए साल के जश्न को हम मनाने
धमाका जरा झुग्गियों में मचायें
नहीं झुकने सर देंगे अपने वतन का
कसम हम चलो आज कुछ ऐसी खायें
बुझे दीप इस साल जिनके घरों के
उन्ही वीरों के नाम दीपक जलायें
यही दोस्तों कामना ‘अर्चना’ की
न आकाश धरती कहर हम पर ढायें
डॉ अर्चना गुप्ता