चलो यूँ करें!
अहम् छोड़ कर चलो एक हम हो जाएं,
इक दूजे के दुःख में भागी हो जाएं।
चलो तराशे हिल-मिल कर इस जीवन को..
समरसता, सद्भाव के साथी हो जाएं।
जज्बा-ए-दिल में एक नया सुकून भरें,
इक दूजे के लिए फरिश्ता हो जाएं।
कदम एक हो, ताल एक हो, एक हो सुर
हर मानव से पावन रिश्ता हो जाएं।
जात-पात और ऊँच-नीच का भेद मिटे,
रिश्ते नाते सभी समन्दर हो जाएँ।