चलो मुस्कान बाँटें !
आओ बंजर रात पर
उम्मीद के तारे टाँकें
आओ हौसलों को
चट्टान सा आँकें
चलो मुस्कान बाँटें
आओ सुख की राह से
दुख के कंकर छाँटें
आओ जीवन पुष्प से
चुन लें चुभते काँटें
चलो मुस्कान बाँटें
आओ ग़म के घन चीर
हँसती धूप सा झाँकें
आओ स्वार्थ का गरल
सेवा अमृत से ढाँकें
चलो मुस्कान बाँटें
रेखांकन I रेखा