चलो मनाएं नया साल… मगर किसलिए?
चलो मनाएं नया साल
मगर किसलिए?
मानो तो हर दिन
नया सवेरा लेकर आता है
न मानो तो नया साल भी देखो
वही पुरानी दास्तां आगे बढाता है।
उस दिन मनाएंगे हम भी नया साल
जब नहीं तरसेगा कोई
खाना, पढ़ना, दवा और मकान को
मेरे देश में, आना तुम भी
हम भी कहेंगे तब
आओ चलो मनाये नया साल.
©️ रचना ‘मोहिनी’