Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2017 · 1 min read

चलो मनाएँ ईद हम

चलो मनाएँ ईद हम,सबको लेकर साथ!
भुला पुरानी दुश्मनी, ले हाथों मे हाथ! !

सीमा खुशियों की सभी,गई तुरत वो फाँद!
आया जैसे ही नजर,…..उसे ईद का चाँद! !

रही हमेशा देश को, यही मित्र उम्मीद!
ईद मनाएँ शाथ मे, हरिया और हमीद!!
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 579 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
26. ज़ाया
26. ज़ाया
Rajeev Dutta
तुम और मैं
तुम और मैं
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
इंतिज़ार
इंतिज़ार
Shyam Sundar Subramanian
छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
Shweta Soni
बचपन की यादें
बचपन की यादें
Anamika Tiwari 'annpurna '
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
Mukesh Kumar Sonkar
*
*"जहां भी देखूं नजर आते हो तुम"*
Shashi kala vyas
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ऊपर बने रिश्ते
ऊपर बने रिश्ते
विजय कुमार अग्रवाल
"सत्य"
Dr. Kishan tandon kranti
आँखों में अँधियारा छाया...
आँखों में अँधियारा छाया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
संकट मोचन हनुमान जी
संकट मोचन हनुमान जी
Neeraj Agarwal
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
Sonam Puneet Dubey
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"बातों से पहचान"
Yogendra Chaturwedi
ग़ज़ल _ मिले जब भी यारों , तो हँसते रहे हैं,
ग़ज़ल _ मिले जब भी यारों , तो हँसते रहे हैं,
Neelofar Khan
*प्यार का रिश्ता*
*प्यार का रिश्ता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
शेखर सिंह
सबला नारी
सबला नारी
आनन्द मिश्र
4577.*पूर्णिका*
4577.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
गुलदानों में आजकल,
गुलदानों में आजकल,
sushil sarna
आतंक, आत्मा और बलिदान
आतंक, आत्मा और बलिदान
Suryakant Dwivedi
काल का स्वरूप🙏
काल का स्वरूप🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
I used to be good with people.
I used to be good with people.
पूर्वार्थ
क्या कभी तुमने कहा
क्या कभी तुमने कहा
gurudeenverma198
..
..
*प्रणय*
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
शुभ प्रभात संदेश
शुभ प्रभात संदेश
Kumud Srivastava
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
Loading...