*चलो फिर से वो कुर्बानी याद करते हैं*
*चलो फिर से वो कुर्बानी याद करते हैं,
शहीदों के दिल मे भड़कती ज्वाला याद करते हैं,
वतन पर बलिदान खून की वो धारा याद करते हैं,
तिरंगा हो कफन बस यही जो अरमान रखते हैं,
चलो फिर से वो कुर्बानी याद करते हैं।
गुलाम बने इस देश को आजाद जिसने कराया था,
देकर लहू अपना आजादी की गंगा बहाया था,
देकर सुरक्षित जीवन हमें, फ़र्ज़ अपना निभाया था,
मातृभूमि के उन वीर सपूतों को ,हम नमन करते हैं,
चलो फिर से वो कुर्बानी याद करते हैं ,।।*
भारत माता की जय!