चलो फ़रियाद करते हैं,
चलो फ़रियाद करते हैं,
ख़ुदा को याद करते हैं ।
सफल हो जाएँ’ मनसूबे,
करम नाबाद करते हैं ।
बहुत शोषण किया तूने,
तुझे बरबाद करते हैं ।
सभी हक़ छीन ही लेंगे,
अभी सिं’हनाद करते हैं ।
नहीं बेबस यहाँ कोई,
चमन आबाद करते हैं ।
दीपक चौबे ‘अंजान’