चलो नेता बनें…!!
चलो नेता बनें…!!
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नेता बनों घुमों खाओ, वोट मांगो जीत जाओ,
घपला घोटाला कर, घर भर जाईये।
नहीं कोई खोज बीन, सबका तू हक छीन
छीना छोरी लुटमार, देश मे कराईये।
चलो करें धोखाधड़ी, गुण्डा गर्दी पुरी पुरी,
बीना गुण्डागर्दी कैसे, नेता बड़ा बनिऐ?
या तो करो अच्छा काम, मिले जग में सम्मान
फिर बड़े नाम संग, नेता बन जाईये।
एक बार नेता बने, लुटें खायें जेब भरें
पुस्त दर पुस्त ही का, भाग्य चमकाईये।
जनता निक्कमी भली, आगा पीछा भागा दौड़ी
साम दाम दण्ड भेद, सब अपनाईये।
सत्ता सुख पाना भला, रबड़ी मलाई खाना
काम करें या ना करें, खुब खाते जाईये।
अपनी विफलता को , कोई जो दिखाये हमें
नाम विपक्षी दल का, आगे कर जाईये।
पाँच वर्ष मजे करें, चिंता ना फीकर करें,
जनता को देके धोखा, समय बिताइए।
हिंग ना फिटक्री लगे, रंग चोखा चोखा रहे
पाँच वर्ष बीते बाद, क्षेत्र में आजाईए।
………………. ✍
पं.संजीव शुक्ल “सचिन”