चलो कोशिश करते हैं कि जर्जर होते रिश्तो को सम्भाल पाये।
चलो कोशिश करते हैं कि जर्जर होते हैं रिश्तो को सम्भाल पाये।
भूल कर दुश्मनी चलो थोड़ा थोड़ा सा पास तो आए।
तुम समझते हो की इस दुनिया के “जमीदार “तुम ही हो।
छोड़ के अहम और वहम को पास तो आओ,
शायद तुम्हें तुम्हारी और मुझे मेरी पहचान नजर आए। ।