चलो आज कुछ लिखती हूँ
आज हो रहे अत्याचार लिखती हूँ
हर दिन एक नई समस्या लिखती हूँ
रोती आंखों की गीली कोर लिखती हूँ
सिसकती आज मानवता लिखती हूँ
चलो आज कुछ लिखती हूँ….
किसान की बदहाली लिखती हूँ
फांसी पर लतकते युवा लिखती हूँ
बेरोजगार युवा लिखती हूँ
फिर भी आंखों पर बंधी पट्टी लिखती हूँ
चलो आज कुछ लिखती हूँ…
बालिका की लुटती अस्मत लिखती हूँ
ओर प्रशाशन की लाचारी लिखती हूँ
आत्मनिर्भरता का ड्रामा लिखती हूँ
भक्तो की मजबूरी को लिखती हूँ
चलो आज कुछ लिखती हूँ….
देश की गिरती जीडीपी लिखती हूँ
घटता आज व्यापार लिखती हूँ
साठ गांठ से लुटे गए बैंक लिखती हूँ
कर्ज में मरता किसान लिखती हूँ
चलो आज कुछ लिखती हूँ…
नोट बंदी से हालत खराब लिखती हूं
रोता बिलखता आज हिदुस्तान लिखती हूँ
तिरंगे में लिपटे शहीद लिखती हूँ
ओर नेताओ की गाल बजाई लिखती हूँ
चलोआज कुछ लिखती हूँ….
गरीब की भूखी राते लिखती हूँ
कोसो दूर तक भूखे चलना लिखती हूँ
इंसानियत से रिश्ता दूर तक नही लिखती हूँ
सिसकते मजदूर की आहे लिखती हूँ
चलो आज कुछ लिखती हूँ….
हिन्दू मुस्लिम को भिड़ाना लिखती हूँ
धर्म पर अपनी रोटियां सेकना लिखती हूँ
आदमी आदमी की भिड़ंत लिखती हूँ
वो बैठे कुर्सी पर ड्रामा देखते हैं लिखती हूँ
चलो आज कुछ लिखती हूँ….