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31 May 2024 · 1 min read

चले हैं छोटे बच्चे

अंधकार को दूर हटाने
चले हैं छोटे बच्चे
अंधेरो में जलते बुझते
चले हैं छोटे बच्चे….

खुद ही खुद की राह बनाने
चले हैं छोटे बच्चे ….

मात-पिता का नाम उठाने
जग में ऊंचा नाम कमाने
पवन पुत्र बनाकर के जैसे
सूरज को धरती पर लाने

चले हैं छोटे बच्चे…

खुद से खुद की जंग जीतने
दुनिया के वह रंग जीतने
उम्मीद की जंग जीतने
चले हैं छोटे बच्चे ……

कर करके वह सीखे भूल
एक दिन खिल जाएंगे फूल
मरुभूमि को रोशन करने
चले हैं छोटे बच्चे ……….

तूफानों को आज हरा दे
ऐसा ये परचम फहरा दे
जग का ये मान बढ़ा दे
चले या छोटे बच्चे…..

रंग-बिरंगे सपने लेकर …..
हौसला साथ में अपने लेकर
कंधे पर वह बस्ता लेकर
चले हैं छोटे बच्चे ………

राहों में वो रहा जीतने
निकल पड़े वह जहां जीतने
खुद ही खुद की राह बनाने
चले हैं छोटे बच्चे………

✍️कवि दीपक सरल

Language: Hindi
1 Like · 23 Views
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