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16 Jul 2024 · 1 min read

*चले पिता-माता को लेकर, कॉंवर श्रवण कुमार (गीत)*

चले पिता-माता को लेकर, कॉंवर श्रवण कुमार (गीत)
_________________________
चले पिता-माता को लेकर, कॉंवर श्रवण कुमार
1)
माता और पिता को ही, साक्षात देवता माना
जीवित माता-पिता स्वयं, साकार ब्रह्म पहचाना
पूजे जाते वृद्ध जहॉं पर, बसते पुण्य अपार
2)
मन में था उत्साह भरा, यात्रा की थी तैयारी
भक्ति-भावना जहॉं वहॉं, कॉंवर कब होती भारी
जो भी सेवावृती पुत्र है, उसकी जय-जयकार
3)
पहले अर्पण पिता और, माता को फिर सुत खाते
जिस घर में यह रीति देव, अविलंब वहॉं बस जाते
माता और पिता की सेवा, सब धर्मो का सार
चले पिता-माता को लेकर, कॉंवर श्रवण कुमार
—————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

Language: Hindi
1 Like · 39 Views
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