चले पिचकारी प्रेम रंग की
चले पिचकारी प्रेमरंग की
समता रूपी उड़े गुलाल ।
बैर भाव तज होली खेलें
तज दें मन के सभी मलाल ।।
मन एक बर्तन वाणी पानी
प्रेम से प्रेमरंग दो डाल ।
राम रहीम एक संग खेलें
प्रेम की रंग गुलाल ।।
होली के पावन पर्व की आप सभी को मंगलमयी शुभकामनायें ।
आपका
सुनील सोनी “सागर”
चीचली(म.प्र.)