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23 Aug 2021 · 1 min read

चले तो है साहिब ___ मुक्तक

चले तो है साहिब,देखते है कहां तक पहुंचेंगे।
भरोसा तो है हमें कदम सफलता पर रुकेंगे।।
हम भी तो यही है चाहते चलने वाले राही से।
अपनी मंजिल मिलने तक वे न रुकेंगे,न झुकने।।
राजेश व्यास अनुनय
**************************************

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 348 Views
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