Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jan 2021 · 1 min read

चला रहें शिव साइकिल

आयोजन — सुनो कहानी : चित्र जुबानी

चला रहें शिव साइकिल,बसहा गया विदेश।
मूषक वाहन छोड़ कर,बैठे संग गणेश।

पैंट-शर्ट जूता पहन, बाँध गले में टाय,
लिए गजानन हाथ में, झंडा एक विशेष।

जटा-जूट बाँधे हुए,तन बाघंबर छाल,
सजे हुए रूद्राक्ष से,ग्रीवा में नागेश।

मुग्ध हुआ मन बावरा,मनमोहक सौन्दर्य,
दोनों बालक रूप में,,अद्भुत है परिवेश।

अति प्रिय हर माह में,मुझको सावन माह,
फिर आऊँ अगले बरस,दिये यही संदेश।

प्रेम विवश होकर रुका, और नहीं कुछ बात,
जाता हूँ कैलाश पर, वही हमारा देश।

हाथ जोड़ विनती करू,सुन लो दीनानाथ,
ऋद्धि-सिद्ध घर में रहे,गणपति संग महेश।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

1 Like · 1 Comment · 576 Views
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

रफ़्ता रफ़्ता (एक नई ग़ज़ल)
रफ़्ता रफ़्ता (एक नई ग़ज़ल)
Vinit kumar
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
What Was in Me?
What Was in Me?
Bindesh kumar jha
मानव धर्म प्रकाश
मानव धर्म प्रकाश
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
4739.*पूर्णिका*
4739.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शिक्षा अर्थ रह गई
शिक्षा अर्थ रह गई
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
प्यार का उपहार तुमको मिल गया है।
प्यार का उपहार तुमको मिल गया है।
surenderpal vaidya
मैं
मैं
Ajay Mishra
Fight
Fight
AJAY AMITABH SUMAN
डाॅ. राधाकृष्णन को शत-शत नमन
डाॅ. राधाकृष्णन को शत-शत नमन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
स्वीकार्य
स्वीकार्य
दीपक झा रुद्रा
..
..
*प्रणय*
लतखिंचुअन के पँजरी...
लतखिंचुअन के पँजरी...
आकाश महेशपुरी
*
*"घंटी"*
Shashi kala vyas
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
महान लोग साधारण लोग होते हैं ।
महान लोग साधारण लोग होते हैं ।
P S Dhami
दिल के एहसास में जब कोई कमी रहती है
दिल के एहसास में जब कोई कमी रहती है
Dr fauzia Naseem shad
* अपना निलय मयखाना हुआ *
* अपना निलय मयखाना हुआ *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया।
एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया।
ओसमणी साहू 'ओश'
एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो,
एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो,
Kalamkash
दीनानाथ दिनेश जी से संपर्क
दीनानाथ दिनेश जी से संपर्क
Ravi Prakash
उलझता रहता है हर कोई यहां इश्क़ की चाहतों में।
उलझता रहता है हर कोई यहां इश्क़ की चाहतों में।
Manisha Manjari
* ------कृष्ण ---*
* ------कृष्ण ---*
श्रीहर्ष आचार्य
दिल में कोई कसक-सी
दिल में कोई कसक-सी
Dr. Sunita Singh
थाल सजाकर दीप जलाकर रोली तिलक करूँ अभिनंदन ‌।
थाल सजाकर दीप जलाकर रोली तिलक करूँ अभिनंदन ‌।
Neelam Sharma
*संन्यासी (शुभांगी छंद )*
*संन्यासी (शुभांगी छंद )*
Rambali Mishra
चाँद तो चाँद रहेगा
चाँद तो चाँद रहेगा
shabina. Naaz
मेरे चेहरे से मेरे किरदार का पता नहीं चलता और मेरी बातों से
मेरे चेहरे से मेरे किरदार का पता नहीं चलता और मेरी बातों से
Ravi Betulwala
सावन तब आया
सावन तब आया
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तेरा ही हाथ है कोटा, मेरे जीवन की सफलता के पीछे
तेरा ही हाथ है कोटा, मेरे जीवन की सफलता के पीछे
gurudeenverma198
Loading...