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2 Mar 2024 · 1 min read

चलना था साथ

चलना था साथ साथ हमारे तुम्हें मगर,
रस्ते में तन्हा छोड़ के अच्छा नहीं किया।

कुछ तो मेरी वफ़ाओं का रख लेते तुम भरम,
हाथ अपने तुमने जोड़ के अच्छा नहीं किया।

जो मुद्दतों से तर था फ़क़त तेरी याद में,
दामन मेरा निचोड़ के अच्छा नहीं किया।

गुमनाम रहके अब हमें अहसास ये हुआ,
तन्हाई हमने ओढ़ के अच्छा नहीं किया।

चलना था साथ साथ हमारे तुम्हें मगर,
रस्ते में तन्हा छोड़ के अच्छा नहीं किया।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
5 Likes · 194 Views
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