चलना जरा सम्भल कर
जीवन की डगर पे साथी चलना जरा संभल के- 2
राहें बड़ी कठिन हैं काँटे बहुत पड़े हैं।
बचते बचाते खुद को लाना बहुत कठिन है
दुनिया की तुझपे नजरें -2
चलना जरा संभल के।
जीवन की डगर पे साथी चलना जरा संभल के–2
आकर चले भी जाना फुरसत से बात करके
अपनों से बात करके संबल बहुत मिलेगा
सबको हँसाते हँसते– 2
चलना जरा संभल के।
जीवन की डगर पे साथी चलना जरा संभल के–2
आये जो काम सबके वो ही हुए पराये
दुनिया की महफिलों में वो ही हुए बेगाने
सबको दुआएं देते-2
चलना जरा संभल के।
जीवन की डगर पे साथी चलना जरा संभल के–2