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10 Jan 2022 · 1 min read

चलते रहना अपने मकसद कि ओर

देख ना अपने पांव के तलवों को,
तुम बढ़ मुसाफिर अपने मंजिल के ओर।
राह में ना जाने कितने कांटे होंगे,
ना जाने कितने पार करने होंगे पड़ाव,
टूटेंगे ना जाने कितने रिसते- नाते,
कितने करेंगे कोशिश तुम्हें,
बहलाने फुसलाने को,
पर ना देखना तुम मुड़ के पिछे,
बढ़ते चलना अपने सपनों के ओर।
कोई साथ न दे तो,
कोई बात नहीं,
किसी के टिप्पणी पर,
ना देना ध्यान,
जहां लगने लगे भय तुम्हें,
अपने ख्वाबों को कर लेना याद,
हिम्मत ना हरना तुम,
क़दम उठाना हो के होशियार,
आराम को हराम कर,
अपने मंजिल को तु सलाम कर।
जहां लगने लगे तुम्हें जरूरत किसी कि,
अपने आफताब से ले लेना मदद,
अगर चाहिए तुम्हें सलाह किसी कि,
अपने दिल कर लेना सलाह,
पर रूकना ना किसी मोड़ पे,
चलते रहना अपने मकसद कि ओर।

Language: Hindi
2 Comments · 323 Views
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