Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Dec 2016 · 1 min read

चलते-चलते

छोड़ गये सफर में हमसफर,गुमराह हो गये

तिनके का सहारा ही सही सहारा तो था।

आवारगी के चर्चे मशहूर जब हुए,

दिल कह उठा कम से कम आवारा तो था।

वफा भी दम तोड़ देती है शराफत में कभी कभी,

मोहब्बत में डूबकर बिगड़ना गँवारा तो था।

लाजमी है तेरी शोखी मेरे मुकाबिल ‘अतुल’नीय रही

पर सादगी ने मेरी जमीं पर तुझे आसमां से उतारा तो था।

दीदार-ए-हुश्न की तपन का एहसास तुम्हे नहीं,

तुम्हारी याद ही सही शाम साथ उसके मयकदे मे गुजारा तो था।

267 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
सीमायें
सीमायें
Shashi Mahajan
जिंदगी का हिसाब क्या होगा।
जिंदगी का हिसाब क्या होगा।
सत्य कुमार प्रेमी
4115.💐 *पूर्णिका* 💐
4115.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
भोर अगर है जिंदगी,
भोर अगर है जिंदगी,
sushil sarna
"आरजू"
Dr. Kishan tandon kranti
डॉ. ध्रुव की दृष्टि में कविता का अमृतस्वरूप
डॉ. ध्रुव की दृष्टि में कविता का अमृतस्वरूप
कवि रमेशराज
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
Bhupendra Rawat
पूस की रात
पूस की रात
Atul "Krishn"
जब भर पाया ही नहीं, उनका खाली पेट ।
जब भर पाया ही नहीं, उनका खाली पेट ।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
खोकर सारा आसमान
खोकर सारा आसमान
Ankita Patel
🙅समझ सको तो🙅
🙅समझ सको तो🙅
*प्रणय*
तहरीर लिख दूँ।
तहरीर लिख दूँ।
Neelam Sharma
दीप जलते रहें - दीपक नीलपदम्
दीप जलते रहें - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
आश्रित.......
आश्रित.......
Naushaba Suriya
श्री रमेश जैन द्वारा
श्री रमेश जैन द्वारा "कहते रवि कविराय" कुंडलिया संग्रह की सराहना : मेरा सौभाग्य
Ravi Prakash
आंधियों में गुलशन पे ,जुल्मतों का साया है ,
आंधियों में गुलशन पे ,जुल्मतों का साया है ,
Neelofar Khan
भाग गए रणछोड़ सभी, देख अभी तक खड़ा हूँ मैं
भाग गए रणछोड़ सभी, देख अभी तक खड़ा हूँ मैं
पूर्वार्थ
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
Sangeeta Beniwal
अनोखा दौर
अनोखा दौर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
गंगा सेवा के दस दिवस (प्रथम दिवस)
गंगा सेवा के दस दिवस (प्रथम दिवस)
Kaushal Kishor Bhatt
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हम सनातन वाले हैं
हम सनातन वाले हैं
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
दिल को सिर्फ तेरी याद ही , क्यों आती है हरदम
दिल को सिर्फ तेरी याद ही , क्यों आती है हरदम
gurudeenverma198
ना तो कला को सम्मान ,
ना तो कला को सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
भय लगता है...
भय लगता है...
डॉ.सीमा अग्रवाल
15. गिरेबान
15. गिरेबान
Rajeev Dutta
*लोकमैथिली_हाइकु*
*लोकमैथिली_हाइकु*
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Loading...