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27 Oct 2022 · 1 min read

चलती सांसों को

चलती सांसों को
जो चाहे तो मुख्तसर कर दें।
ज़िन्दगी की कोई एक शाम
मयस्सर कर दे।।
खुद से बिछडे हुए
ए-शाद ज़माना गुजरा ।
खुद से मिल जाऊं,
मुलाकात मुकर्रर कर दे ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
21 Likes · 334 Views
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