Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2022 · 1 min read

चलकर खुद चंद आया है

***चलकर खुद चाँद आया है***
**************************

दर पर चल खुद ही चाँद आया है,
तब से दिल पर उन्माद छाया है।

देखो तो पल-भर तुम उठा नजरें,
झोला भर कर उपहार लाया है।

फूलों से बढ़-कर है हसीं मुखड़ा,
प्यारी बाहों का हार पाया है।

देखा उसने पल-भर पलटकर तो,
चढ़ते यौवन का भार ढाया है।

मनसीरत की आँख का तारा,
कंचन सी सुंदर धार काया है।
**************************
सुखविन्दर सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
156 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*अहमब्रह्मास्मि9*
*अहमब्रह्मास्मि9*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2661.*पूर्णिका*
2661.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Prapancha mahila mathru dinotsavam
Prapancha mahila mathru dinotsavam
jayanth kaweeshwar
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तक़दीर शून्य का जखीरा है
तक़दीर शून्य का जखीरा है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मुस्कानों की बागानों में
मुस्कानों की बागानों में
sushil sarna
*आई वर्षा खिल उठा ,धरती का हर अंग(कुंडलिया)*
*आई वर्षा खिल उठा ,धरती का हर अंग(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बहुत कीमती है पानी,
बहुत कीमती है पानी,
Anil Mishra Prahari
"शिक्षक"
Dr. Kishan tandon kranti
I love you
I love you
Otteri Selvakumar
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
Dushyant Kumar
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कोरोना :शून्य की ध्वनि
कोरोना :शून्य की ध्वनि
Mahendra singh kiroula
ढलती उम्र का जिक्र करते हैं
ढलती उम्र का जिक्र करते हैं
Harminder Kaur
आपके स्वभाव की सहजता
आपके स्वभाव की सहजता
Dr fauzia Naseem shad
मेरे जैसा
मेरे जैसा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आओ ऐसा एक भारत बनाएं
आओ ऐसा एक भारत बनाएं
नेताम आर सी
धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा।
धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा।
Manisha Manjari
हमारे रक्षक
हमारे रक्षक
करन ''केसरा''
रहो कृष्ण की ओट
रहो कृष्ण की ओट
Satish Srijan
अब कुछ बचा नहीं बिकने को बाजार में
अब कुछ बचा नहीं बिकने को बाजार में
Ashish shukla
जोड़ तोड़ सीखा नही ,सीखा नही विलाप।
जोड़ तोड़ सीखा नही ,सीखा नही विलाप।
manisha
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
शेखर सिंह
दादी की वह बोरसी
दादी की वह बोरसी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मार्तंड वर्मा का इतिहास
मार्तंड वर्मा का इतिहास
Ajay Shekhavat
हे अयोध्या नाथ
हे अयोध्या नाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पलकों की
पलकों की
हिमांशु Kulshrestha
.
.
*प्रणय प्रभात*
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का रचना संसार।
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का रचना संसार।
Dr. Narendra Valmiki
Loading...