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3 Dec 2022 · 1 min read

**चरम सीमा पर अश्लीलता**

कैसी अब शर्म,
कैसी है लाज
चरम सीमा पर
अश्लीलता है जो विराजमान !!

आँखे शर्म से नहीं झुकाती
ऐसी ऐसी है लोगों की संतान
बीच बाजार में नंगे हो रहे
यह युवा देखो बेशर्म हैवान !!

रिश्ते भी कर दिए सोशल
मिडिया ने अब तार तार
बेच खाई सारी शर्म लोगों ने
फिर भी बनते हैं नादान !!

रिश्तों में हो रहे अब बलात्कार
करने लगे हैं रोजाना तिरस्कार
लीव इन रिलेशनशिप कर गया
सब से ज्यादा सब का बेडा पार !!

सारी हदें अब हो रही हैं पार
कोई नहीं सुनेगा अब वो चित्कार
वीडियो बनाओ तमाशा दिखाओ
यही है बेशर्म दुनिआ में नया अवतार !!

लाज शर्म को कोई नहीं ढकता
जिस्म से कपडे उतारने का चल रहा व्यापार
यही है अश्लीलता दिखती है बार बार
लुप्त हो रहे समाज सुधारक हर बार !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
2 Likes · 439 Views
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
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