चमक जाये मोती सी
मैं एक पानी का बुलबुला
जज्ब हो जाऊं तेरी खुशबू में
हे प्रभु कहीं
मैं तुझे जो न देख पाऊं
तू मुझे देख ले और
कर ले मुझसे जी भरकर
ढेर सारी बातें
मेरे दिल की
कुछ अनकही
कुछ अनसुनी
मैं तेरा अंश हूं
क्या बताऊं अपने बारे में
क्या कहूं अपने मन की दशा
तू तो सारे संसार का पालनहार
सर्वत्र ज्ञानी है
तू प्रेम का एक विशाल
सागर
मैं तो उसकी एक पानी की बूंद मात्र
तेरी मेहर हो जाये तो
बस चमक जाये मोती सी
बनकर
मेरी जिन्दगी की
तेरे ही हाथों जो लिखी
मेरी कहानी है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001