चमके सबका भाग्य सितारा
शुचिता समता सौम्यभाव का,
सभी ओर हो दिव्य नजारा ।
खुशियां बांटें आपस में हम
बढा रहे शुभ भाईचारा ।।
स्वर्ग उतर आए धरती पर,
मानवता का मिले सहारा।
मिटे ताप संताप सभी का,
चमके सबका भाग्य सितारा।
गणतंत्र त्यौहार हमारा,
कितना पावन कितना प्यारा।
कण-कण आभा आलोकित हो
बहे ‘ज्योति’ की निर्मल धारा ।
✍?रामबाबू ज्योति