चमकने वाली हर एक चीज मोती नहीं होती
चमकने वाली हर एक चीज मोती नहीं होती ।
शर्म हया में आके आंखें भी चमक जाती है ।।
टपकती पानी की बूंदे सदा बारिश नहीं होती ।
गम के बादल छाने से आंखें भी बरस जाती हैं ।
जो तुम समझते हो वह हो सकता है धोखा ।
धोखा खाके जो समझ बने वो झूठी नहीं होती ।
तुमने जो चाहा है वही पाया है आज तक ।
हर किसी के नसीब में ख्वाहिश पूरी नहीं होती।
यूं तो हर कोई अपने किस्मत का मालिक है ।
पर वक्त के चोट पे जोर ,किसी की नहीं होती।