चमकते चेहरों की मुस्कान में….,
चमकते चेहरों की मुस्कान में….,
उसके चेहरे की सादगी कुछ तो है
आंखों के दरमियान देखा है हमने
आंखों में शर्म ए लाज कुछ तो है
दिखता है खुले पुस्तक का चित्र
विचित्र दुनिया में अनमोल चित्र
मुस्कुराता चेहरा ही बन जाता है
कृति प्रकृति का अनमोल मित्र
चेहरे की सादगी से फीका सब
सोना चांदी कई अनमोल रत्न
चांद की रोशनी है रोशन मगर
चेहरे की मुस्कान कुछ तो है
चेहरों के दरमियान हमने देखा है
हीफाजत की लकीरें कुछ तो है
रूबरू होते हर दिल जीत लेता है
उसकी आवाज फकत कुछ तो है