चन्द आँसू तेरे ख़ज़ाने से
मुददतों से नहीं ..ज़माने से
कौन मिलता है इस दिवाने से
देख नाखून……बढ गये मेरे
दिल के ज़ख़मों के सूख जाने से
काश मुझको भी मिल गये होते
चम्द आँसू तेरे …..ख़ज़ाने से
दर्द चेहरे पे आ. गया तेरे
फ़ायदा कुछ नहीं छुपाने से
कब से आवाज़ दे रहा हूँ मैं
आप आते नहीं ..बुलाने से
हाय अफ़सोस छोड दी सालिब
तुमने दुनिया बडे ..ठिकाने से