चन्द्रयान अभियान
मुक्तक-१
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दक्षिण ध्रुव पर चान्द के, पँहुचा भारत देश।
अखिल विश्व के सामने, अवसर बना विशेष।
राह प्रगति की बढ़ रहा, ज्ञान और विज्ञान।
हर्षित जनता देश की, खिला खिला परिवेश।
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मुक्तक- २
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हुआ यशस्वी देखिए, चन्द्रयान अभियान।
अन्तरिक्ष के क्षेत्र में, बढ़ा हिन्द का मान।
ध्वज लहराया चांद पर, हुआ स्वप्न साकार।
लगा टहलने गर्व से, खोज हेतु प्रज्ञान।
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** रूप घनाक्षरी**
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बढ़ता ही जा रहा है भारत प्रगति पथ,
लक्ष्य सब नये नये हासिल हैं कीर्तिमान।
श्रम हो रहा सफल स्वप्न हो रहे साकार,
यशस्वी हुआ है देखो भारत का चन्द्रयान।
प्रभात की है लालिमा आस का उगा है सूर्य,
हो रहे सफल सभी हिन्द के हैं अभियान।
अंतरिक्ष में कदम बढ़ते हुए अनेक,
भारत बना हुआ है आज सर्वशक्तिमान।
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** गीतिका **
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देख लो चन्द्रमा अब नहीं दूर है।
जब इरादा अटल शक्ति भरपूर है।
चाहतें खूब होती सफल जा रही।
मन खुशी से हुआ जा रहा चूर है।
पूर्ण आकाश है बादलों से घिरा।
छुप गया आज सारंग मजबूर है।
गौर से देख लो दाग हैं चान्द पर।
बस यही वक्त का एक दस्तूर है।
चांद जब चांदनी साथ ले आ गया।
हर दिशा में बहुत छा गया नूर है।
साथ महबूब हो चांदनी रात में।
प्यार का बस यही दृश्य मशहूर है।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य