चट्टान से डटे हम
इम्तिहान लेती सी ज़िंदगी,
और चट्टान से डटे हम !!!
दिल को चीरते कटाक्ष,
और सब्र से सुनते हम !!!
अपनो से मिले धोखे,
और दिल के बड़े हम !!!
झूठ की बड़बोलिया,
और सच मे दबे हम !!!
पैसों की इस दुनिया में,
खिलौने से टूटे हम !!!
व्यापार के इस दंगल में,
व्यवहार लिए हम !!!
कभी तो इंसाफ होगा,
अरमान लिए हम !!!
कभी तो कहीं पहुचेंगे,
ईमान लिए हम !!!
इम्तिहान लेती सी ज़िंदगी,
और चट्टान से डटे हम !!!
दीपाली कालरा