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29 Sep 2023 · 1 min read

*चटकू मटकू (बाल कविता)*

चटकू मटकू (बाल कविता)
_________________________
चटकू मटकू दादा कहते
संग सदा पोती के रहते

गोदी में ले उसे घुमाते
घुटनों के बल खेल खिलाते

मुॅंह में जो देखा रख लेती
ऑंख बचाकर फिर हॅंस देती

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451

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