चंद शेर आपके लिए
चंद शेर आपके लिए
एक।
दर्द मुझसे मिलकर अब मुस्कराता है
जब दर्द को दबा जानकार पिया मैंने
दो.
जब हाथों हाथ लेते थे अपने भी पराये भी
बचपन यार अच्छा था हँसता मुस्कराता था
प्रस्तुति:
मदन मोहन सक्सेना
चंद शेर आपके लिए
एक।
दर्द मुझसे मिलकर अब मुस्कराता है
जब दर्द को दबा जानकार पिया मैंने
दो.
जब हाथों हाथ लेते थे अपने भी पराये भी
बचपन यार अच्छा था हँसता मुस्कराता था
प्रस्तुति:
मदन मोहन सक्सेना